मुख्तार के करीबी पर फिर हुई बड़ी कार्यवाही

जनपद मऊ पुलिस के द्वारा आपराधिक माफिया व उनके गुर्गों के विरुद्ध प्रचलित कार्यवाही के क्रम में आज 23-10-2020 को मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के अत्यंत नजदीकी व मुख्तार अंसारी के साथ मन्ना सिंह हत्याकांड 2009 में सह अभियुक्त रहे त्रिदेव कंस्ट्रक्शन/ त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप के मालिक कोयला माफिया उमेश सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह निवासी अहिलाद जनपद मऊ की अपराध व अवैध रूप से अर्जित धन से बनाई गई संपत्ति लगभग 17 लाख 36 हजार की सम्पत्ति (भूखंड) 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत की जब्त की गई है।
आज दिनांक 23-10-.2020 को सीओ सीटी के नेतृत्व में थानाध्यक्ष कोतवाली, सरायलखंसी व दक्षिणटोला व स्वाट टीम के द्वारा उमेश सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह के द्वारा अपराध से अवैध रूप से अर्जित किए गए धन से मौजा अदरी तहसील सदर में आराजी नं0 694 में 56 कड़ी, आराजी नं0 699 में 1.67 कड़ी, आराजी 283 में 94.3 कड़ी व आराजी नं0 184 में 61.3 कड़ी कुल चार गाटा में रकबा 213.3 कड़ी जमीन का मूल्य लगभग 10 लाख 36 हजार 200 रुपये व उसमें निर्मित तीन कमरे (कोल डिपो हेतु) जिनका अनुमानित कीमत 07 लाख रुपये सहित कुल 17 लाख 36 हजार 200 रुपये की सम्पत्ति धारा 14 (1)गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत एफआईआर नंबर 47/2010 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट थाना सरायलखंसी द्वारा कराई गई।
*पूर्व में उक्त कोयला माफिया उमेश सिंह की, धारा 14(1)गैंगेस्टर एक्ट के अन्तर्गत कुल कीमत 6.50 करोड़ रूपये की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है* जिसका विवरण-
1- (अनुमानित कीमत 5.5 करोड़ रूपये) 3400 वर्ग मीटर भूखण्ड व उस भूखण्ड पर निर्मित शाॅपिंग माल/काम्पलेक्स
2- 01 करोड़ रूपये मूल्य की 08 वाहनों (फोर्ड एनडेवर-01, हुंडई के्रटा-02, इंडिका-01, ट्रक-01, मोटरसाइकिल-03)
*इस प्रकार उक्त उमेश सिंह की अब तक कुल लगभग 06 करोड़ 67 लाख 36 हजार 200 कीमत की प्रॉपर्टी जब्त कराई गई है।*
उमेश सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी/त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप का संचालन अपने भाई राजन सिंह उर्फ राजेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है।
*वर्ष 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में उमेश सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था।* (एफआईआर नम्बर 1866/09 थाना कोतवाली)। इसी केस के बाद सन 2010 में मुख्तार अंसारी, उमेश सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध एफआईआर नंबर 47/2010 धारा 3(1)गैंगस्टर एक्ट कोतवाली थाने में दर्ज किया गया।
मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई जिस के संबंध में थाना दक्षिण टोला में एफआईआर नम्बर 399/2010 दर्ज किया गया। इस अभियोग में उमेश सिंह का भाई राजन सिंह मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था इस हत्याकांड के संबंध में थाना दक्षिणटोला में एफआईआर नम्बर 891/2010 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट का अभियोग विरुद्ध मुख्तार अंसारी, राजन सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध 2010 में दर्ज किया गया। इसके अलावा भी उमेश सिंह व राजन सिंह के विरुद्ध आधा दर्जन मुकदमे पंजीकृत है।
पिछले दो दशकों के दौरान उमेश सिंह व राजन सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अतिसक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है। माफिया से सम्बन्धों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बनाते हुए कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग लंबे समय से की जाने की भी बात प्रकाश में आई है। इनके द्वारा माफिया व माफिया गिरोह से संबंध का इस्तेमाल करते हुए कोयले के व्यापार में अपनी मोनोपोली स्थापित करते हुए जनपद के अन्य व्यापारियों में भय व आतंक का माहौल पैदा किया गया जिससे अन्य कोई व्यक्ति कोयला व्यापार में नहीं आया। इस प्रकार गैंग के रूप में कार्य करते हुए जघन्य अपराधों के माध्यम से अवैध धन का इस्तेमाल अपराधियों को संरक्षण देने के साथ साथ अपने बिजनेस में लगा कर त्रिदेव के नाम से अलग-अलग कंपनियां खोलकर किया गया।
इनके द्वारा माफिया से संबंध का लाभ उठाते हुए अपराध कारित करते हुए अर्जित की गई संपत्ति की जांच विभिन्न विभागों व एजेंसियों के माध्यम से भी कराई जा रही है।
*इस अभियान में विगत लगभग 04 महीनों में मऊ पुलिस द्वारा गैंग संचालित करने वाले माफिया तत्वों के विरुद्ध 14(1) गैंगस्टर एक्ट में लगभग 21 करोड़ 47 लाख 77 हजार मूल्य की चल/अचल सम्पत्ति जब्त कराई जा चुकी है।*
*अपराधिक इतिहास अभियुक्त उमेश सिंह-*
*1.* मु0अ0सं0 91ए/20 धारा 147,148,149,307,32,504,506 भादवि थाना सरायलखंसी मऊ।
*2.* मु0अ0सं0 100/20 धारा 147,148,149,504,506.323,324 भादवि थाना दक्षिणटोला मऊ।
*3.* मु0अ0सं0 1866/09 धारा 147,148,149,307,302 भादवि थाना कोतवाली।
*4.* मु0अ0सं0 47/10 धारा गैंगेस्टर एक्ट थाना कोतवाली।
*5.* मु0अ0सं0 20/14 धारा 147,148,149,307,302,504,506,120बी भादवि व 7 सीएलए एक्ट थाना तरवां जनपद आजमगढ़।
*6.* मु0अ0सं0 120/20 धारा 447 भादवि व 3/4 लोक संपत्ति छति निवा0 अधि0।