भाजपा ने महात्मा गांधी व शास्त्री को किया याद






            भारतीय जनता पार्टी के जनपद कार्यालय पर 2 अक्टूबर के उपलक्ष्य में गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने दोनों महापुरुषों के छाया चित्र पर पुष्पांजलि व माल्यार्पण किया।
           भाजपा जिलाउपाध्यक्ष आनंद प्रताप सिंह ने दोनों महात्माओं के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, भारत में हर वर्ष 2 अक्टूबर का दिन महात्मा गांधी और भारत के सच्चे सपूत लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के रूप में मनाया जाता है। देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। देश इस बार गांधीजी की 151वीं जयंती मना रहा है। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है।
आज न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 151वीं गांधी जयंती मना रहे हैं। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। बापू के अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है।महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। 

          जिला मीडिया प्रभारी कृष्ण कान्त राय ने कहा कि,गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया। 
महात्मा गांधी हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है। उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे।  आज के दिन हमें गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री के विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।  
          इस अवसर पर नूपुर अग्रवाल, राम प्रवेश राजभर,सुनील यादव,अंजनी सिंह,सुधीर सोनकर,विनोद गुप्ता,आत्म प्रकाश पाण्डेय,राधेश्याम,संजय राजभर,रामप्यारे,लारा राजभर, आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
                              



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