सही समय पर कैंसर की पहचान बचा सकती मरीज़ की ज़िन्दगी -डॉ संजय सिंह






विश्व कैसंर दिवस के अवसर पर शारदा नारायन हास्पिटल में एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए शारदा नारायन हास्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक व रोटरी क्लब मऊ के अध्यक्ष डा0 संजय सिंह ने कहा कि कैंसर, सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है। हर साल तमाम तरह के कैंसर के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। लोगों में इस गंभीर रोग को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 4 फरवरी को 'वर्ल्ड कैंसर डे' मनाया जाता है। कैंसर एक घातक व जानलेवा बिमारी है कैसर के मरीज जल्दी ठीक नहीं होते क्योकि इसके लक्षणों का पता देरी से चलता है अगर समय रहते इस बिमारी का पता नही चला तो ये बिमारी एक भयावह रूप धारण कर लेती है पर अगर इसके बारे में लोगों को सही जानकारी हो तो स्थिति का समय से निदान किया जा सकता है। कैंसर की समय से पहचान हो जाने पर इलाज और इसके कारण होने वाली गंभीरता और मौत के खतरे को कम किया जा सकता है। आगे डा0 सिंह ने बताया की इस बीमारी को लेकर बहुत सारी भ्रांतिया है जैसे ये लाइलाज बीमारी है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है कैंसर के कारण होने वाली मौत का खतरा, रोग के प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। अंत में डॉ सिंह ने  कैंसर के कारण के बारे में बताया की नशा सेवन करना जैसे गुटखा, खैनी,शराब,बीडी,सिगरेट आदि है।इस अवसर पर शारदा नारायन हास्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा0 एकिका सिंह ने बताया कि भारत में महिलाओं को सर्वाधिक होने वाले 5 प्रमुख कैंसर चिन्हित किए गए हैं। हर साल करीब 7 लाख नए कैंसर मरीज सामने आते हैं। सही समय पर रोग की पहचान हो जाए तो इस जंग में जीत जिंदगी की होगी। भारतीय महिलाओं में आमतौर पर स्तन, गर्भाशय, कोलोरेक्टल, अंडाशय और मुंह का कैंसर के मामले अधिक देखते जाते हैं।स्तन में गांठ होने का मतलब जरूर नहीं है कि यह कैंसर ही हो। फाइब्रोएडीनोमा जैसी कई अन्य स्थितियां भी स्तन में गांठ का कारण बन सकती हैं। लेकिन अगर आपको स्तन में गांठ या स्तन के ऊतकों में कोई बदलाव दिखाई देता है तो सही समय पर अपने चिकित्सक से सलाह ले सकते है। आगे क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डा0 सुजीत सिंह ने कहा कि मरीज डाक्टर के पास तब तक नही जाता है जब तक की कैंसर एक बडी रूप ना लेले।इसके अतिरिक्त कभी कभी कैंसर ग्रस्त श्राप पीड़ित मानकर उनके परिवार वालो द्वारा उनका त्याग कर दिया जाता है लोगो में मिथक है कि कैसर एक छूत की बिमारी है जो पूर्णतहः गलत है। अतः कैसर के प्रति हमें जागरूक रहने की अवश्यकता है ताकी हम इसके प्रारम्भिक लक्षणों को पहचान कर उचित समय में इसका इलाज करा सके। इसी अवसर पर डा0राहुल कुमार ने बताया की कैंसर की बिमारी लोगों को हड्रडी में भी होता है बस इसे पहचानने में लोग देरी कर जाते है और वह भयावह रुप ले लेता है। आगे इस अवसर पर शारदा नारायन हास्पिटल के न्यूरो सर्जन डा0 रूपेश के0 सिंह ने कहा कि ब्रेन में भी होने वाल ट्यूमर भी कैंसर का रूप ले सकता है अतः सही समय पर इसका पहचान करना आवश्यक है।
इस अवसर पर,डा0 मधुलिका सिंह,डा0 सिग्निधा सोनल,डा0 सतीश सिह,शिवकुमार सिंह,मनीष,प्रदिप आदि लोग उपस्थित रहे।



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