शारदा नारायन हॉस्पिटल  में किया गया एक ही साथ 2 मरीज़ो का सफल घुटने का प्रत्यारोपड






शारदा नारायन हॉस्पिटल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल कुमार ने बरौली (बलिया) निवासी 55 वर्षीया सुभावती थी एव दिलदारनगर  निवासी सरवरी खातून का सफल घुटने का प्रत्यरोपड किया। मरीज़ सुभावती के बारे में डॉ राहुल ने बताया की ये पिछले 15 सालो से घुटने के दर्द से परेशान थी। बहुत जगह उन्होंने अपना इलाज कराया लेकिन फिर भी दर्द से उनको आराम नहीं मिला बल्कि अत्यधिक दवा के सेवन से उनकी बॉडी सूज गयी तथा उनका पैर भी टेढ़ा हो गया और 2 महीने से  चलने फिरने में असमर्थ हो गयी।दुसरे मरीज़ सरवरी खातून के बारे में परिजनों ने बताया की वज़न ज़्यादा होने के कारण कोई भी चिकित्सक सफल ऑपरेशन की गारंटी नहीं दे रहा था।आगे डॉ कुमार ने बताया  की शारदा नारायन हॉस्पिटल में दोनों लोग का सफल घुटना प्रत्यरोपड किया गया तथा अब आयुष्मान भारत से भी यहाँ  इलाज संभव है और शारदा नारायन ट्रस्ट द्वारा भी इलाज किया जाता है और अस्पताल का ये उद्देश्य है की कोई भी मरीज़ पैसे के अभाव में इलाज से वंचित नहीं होना चाहिए। अंत डॉ कुमार ने कहा की लोगो में कुल्हा प्रत्यरोपड को लेके बहुत भ्रांतिया है जैसे की ये ऑपरेशन जल्दी सफल नहीं होता,ऑपरेशन के बाद लोग खड़े नहीं हो पाते है,उनका चलना फिरना मुश्किल हो जाता है और छोटे शहर में इसका इलाज संभव नहीं है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, हा  कुल्हा प्रत्यरोपड का ऑपरेशन थोड़ा जटिल ज़रूर होता है लेकिन इसका इलाज शारदा नारायन हॉस्पिटल में भी संभव है और लोग पूरी तरह ठीक भी हो रहे है।अंत में डॉ कुमार ने बताया की हड्डियो को मज़बूत बनाने के लिए रोजाना 30 से 45 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें,कैल्शियम के लिए दूध से बनी चीजें खाएं,विटामिन डी की कमी न होनें दें ,धूप में 30 मिनट बैठें,वजन को कंट्रोल में रखें  न कम होने दें और न ही ज्यादा और अगर हड्डियों में दिक्कत होतो बिना देर किये आरथोपीडिक्स को दिखाएं।अंत में मरीज़ एव उनके परिवार  ने हॉस्पिटल का और डॉ राहुल कुमार का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनको एक नयी ज़िन्दगी दी और दोबारा अपने पैरो पे खड़ा किया।



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