जब जब असुरों का अत्याचार बढ़ता है तब तब प्रभु अवतार लेते है।
श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस पर पूज्य आचार्य शांतनु महाराज ने कहा कि इस धरा धाम पर जब जब असुरों के अत्याचार बढ़ते है तब तब प्रभु अवतार लेकर भक्तो को उनके संताप से मुक्त करते है।महाराज जी ने कहा कि भगवान की सगुन लीलाओं को भक्ति व विश्वास से सुनना चाहिए इसमे तर्क का कोई स्थान नही है।भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा के क्रम में पूज्य श्री ने प्रभु के जन्म के अनेक कारणों को सुनाया। महाराज जी ने कहा कि भगवान की ये घोषणा है कि जो भी भक्त सब कुछ त्याग कर उनका भजन करते है प्रभु उनकी रक्षा उसी प्रकार करते है जैसे माँ अपने बच्चे की रक्षा करती है। मनु एवं शतरूपा जी के प्रसंग को सुनाते हुए महाराज जी ने कहा कि मनु महाराज ने जीवन के अंतिम समय मे सब कुछ त्याग कर हरि भजन का मार्ग चुना हम सब का भी यही दायित्व है कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए भगवान के भजन में मन लगाए। देवताओ की करुण पुकार को सुनकर भगवान ने सबको आश्वासन दिया कि मैं अब नर रूप में धरती पर अवतरित होने वाला हु सभी देवता प्रभु की जयजयकार करने लगेगो स्वामी जी ने अयोध्या की महिमा को गया है सम्पूर्ण अयोध्यावासी भगवान की आराधना कर रहे है और गोस्वामी जी ने भगवान के जन्म की तिथि घोषित कर दी। पूरे अयोध्या में बधाईया बजने लगी दसरथ जी मगन होकर प्रजाजनों को न्योछावर करने लगेऔर पूरा वातावरण राममय हो गया।।