आपातकाल की काल कोठरी से निकले यशवंत ने जनता को सौप दिया अपना जीवन





मऊ।पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह से राजनीति का गुण सीखने वाले विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह का गुरुवार को 66 वा जन्मदिन मनाया जाएगा। जिसके लिए आजमगढ़ और मऊ में जगह जगह होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए है। यशवंत सिंह का राजनीति जीवन भी काफी संघर्षों भरा रहा। मऊ जनपद के अल्देमऊ से निकल कर गोरखपुर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए। कुछ दिनों बाद ही देश में आधी रात लगे आपातकाल ने यशवंत सिंह के मन को झकझोर दिया और सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में कूद पड़े जिसका नतीजा यह हुआ कि यशवंत सिंह को जेल जाना पड़ा और उन्होंने जेल में जनता की सेवा का मन बना लिया जेल से निकलने के बाद जनता पार्टी में शामिल हो गए जनता पार्टी ने उनके आक्रमक तेवर को देखते हुए छात्र इकाई का अध्यक्ष बना दिया। श्री सिंह यही नहीं रुके जनता की आवाज को कैसे सदन में इसके लिए मुबारकपुर से विधानसभा की अपनी दावेदारी ठोक दी लेकिन अपना पहला चुनाव चंद मतों से हार गए। जनता की समस्याओं को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे और नतीजा यह हुआ कि यशवंत सिंह को मुबारकपुर से दो बार विधायक बने। इसके बाद यशवंत सिंह ने लखनऊ की राजनीति गलियों में अपना बखूबी लोहा मनवाया जिसका नतीजा यह रहा कि सपा ने उन्हें तीन बार विधान परिषद भेजा तो वही 2017 में विधान सभा का चुनाव हुआ और भाजपा की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने ।मुख्यमंत्री को 6 महीने के अंदर किसी सदन का सदस्य बनना आवश्यक था तो उसमे एक नाम सामने आया यशवंत सिंह का जिन्होंने संबंधों का निर्वहन करने के लिए विधान परिषद से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को अपनी सीट से विधान परिषद जाने का रास्ता साफ कर दिए। कुछ दिन बाद चौथी बार यशवंत सिंह भाजपा से विधान परिषद गए।



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