नवरात्रि के प्रथम दिन मंदिरों में लगा रहा भक्तो का ताता
मऊ। नवरात्रि के प्रथम दिन माँ वनदेवी धाम में दर्शन के लिए सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ माँ वनदेवी का दर्शन पूजन कर अपने मनोकांमनाओं की पूर्ति के लिए माता रानी से प्रार्थना किया। बता दें कि नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। माँ शैलपुत्री सौभाग्य की देवी हैं। उनकी पूजा से सभी सुख प्राप्त होते हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ, इसलिए इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता आती है। माँ को वृषारूढ़ा, उमा नाम से भी जाना जाता है। उपनिषदों में माँ शैलपुत्री को हेमवती भी कहा गया है। ऐसे पावन दिवस में माँ वनदेवी धाम में भी काफी चहल पहल देखने को मिली। इस मौके पर मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील गिरी ने बताया कि प्रतिदिन माता वनदेवी मंदिर का पटद्वार प्रातः चार बजे खुलता है। आज सुबह जैसे ही माता जी के मंदिर का द्वार खोला गया माता के दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। और शाम सात बजे तक माँ वनदेवी का धाम शंख घरघण्ट आदि के मंगल ध्वनियों से गूंजता रहा। शाम सात बजे के बाद संध्या की आरती कर मंदिर के पटद्वार को बंद किया गया।