मऊ स्थापना दिवस: आज भी तलाश है मऊ को एक नये विकास पुरूष कल्पनाथ की
19 नवम्बर 1988 का वो ऐतिहासिक दिन आ गया जब आजमगढ़ जनपद के कुक्ष हिस्से को काट कर मऊ जनपद की आधारशिला रखी गयी और मऊ जिले का उदय हुआ आजमगढ़ जिले के कुछ हिस्से को काट कर मऊ जनपद बनाने में मुख्य भूमिका पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय कल्पनाथ राय की रही । कल्पनाथ राय ने मऊ जिले के निर्माण के बाद विकास की एक लंम्बी रूप रेखा कल्पनाथ राय के नेतृत्व में तय की की कल्पनाथ राय ने जनपद में लोगों को रोजगार के लिये दो मिलो की स्थापना की जिला अस्पताल तहसील कलेक्ट्रेट विकास भवन दीवानी तमाम आफिसो की इमारते बनना शुरू हो गयी यू कहे तो मऊ नये जनपद सृजन के बाद विकास की रफ्तार ही पकड़ ली ऐसा मानो लगने लगा कि मऊ जनपद उत्तर प्रदेश का सबसे विकसित जिला होगा हर तरफ युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य हो रहे थे मऊ में बड़े बड़े राजनेता आये और पुर्व मंत्री कल्पनाथ राय के विकास कार्य को सराहा और उस वक्त कल्पनाथ राय के हौसले को पंख लग गया जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मऊ को मानचेस्टर की उपाधि दी लेकिन प्रकृति को कुक्ष और ही मंजूर था मऊ सृजन के कुक्ष वर्ष बाद मऊ जनपद को कल्पनाथ राय के निधन की बुरी खबर मिली और मानो सम्पूर्ण जनपद रूक सा गया हो उसके बाद चुनाव हुये तमाम राजनीतिक दलों से लोक आये चुनाव लड़े जीते और चले गए मगर किसी ने मऊ को विकसित करने में अपनी रुचि नही ली और आज मानों जैसे मऊ के सारे विकास कार्य रुक सा गया और मऊ में आये कई संस्थान यहाँ से अन्य जगह चले गये जिस मऊ के लोगो को 19 नवम्बर को उसकी पहचान मिली उसे नया कलेक्टर मिला तमाम सुविधाएं मिली लेकिन आज लोग उसके निर्माण दिवस और उसके सृजनकर्ता को धीरे धीरे मानो भूलते जा रहे है। बुनाई यह का मुख्य रोजगार है तो वही मऊ चार
जनपदों की सीमाओं को छूता है।