पार्टी का आधिकारिक सिंबल पाने के लिए राजीव राय ने अखिलेश यादव का आभार जताया 





 

मीडियाकर्मियों की उपस्थिति में बोले, सिर्फ सिंबल नहीं, उनका भरोसा मिला है

 

फर्जी आपत्तियों के सहारे पर्चा खारिज करवाने की कोशिश का मुखर होकर दिया जवाब 

 

मऊ। घोसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी तथा इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजीव राय ने पार्टी का आधिकारिक सिंबल पाने के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार जताया। मीडियाकर्मियों की उपस्थिति में उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ सिंबल ही नहीं मिला है बल्कि उनका भरोसा भी मिला है। 

  उन्होंने कहा कि यह सिंबल उन लोगों के गाल पर तमाचा है जो हार के डर से फर्जी आपत्तियां लगाकर मेरा पर्चा खारिज करवाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि उन लोगों के पर्चे से संबंधित तमाम त्रुटियों की जानकारी मुझे है। बावजूद इसके ऐसे माध्यमों से किसी का अहित करना मेरा राजनीतिक मकसद नहीं है। मैं जानता के बीच से चुनकर पार्लियामेंट में जाना चाहता हूं। मुझे घोसी की जनता पर पूरा विश्वास है। इसलिए मैंने इन रास्तों को कभी पसंद नहीं किया है। मेरा अहित चाहने वालों ने लगातार लखनऊ से भी दबाव बनाया लेकिन अहित नहीं कर पाए। उन्होंने इसके लिए रिटर्निंग ऑफिसर को भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने बिना किसी दबाव में आए निष्पक्ष निर्णय लिया। 

   उन्होंने वाट्सएप के माध्यम से उनके पास आईं विरोधियों की त्रुटियों से संबंधित जानकारियां मीडियाकर्मियों से साझा कीं। उन्होंने कहा कि मेरा अशुभ चाहने वालों के खिलाफ ऐसी आपत्तियां हैं, जिनका वह जवाब नहीं दे सकते। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जो दर्शाया गया था उसमें उनकी 2019-20 के दौरान आय साढ़े चार लाख रुपए थी लेकिन 2024 आते-आते यही वर्ष 2019-20 की आय कैसे बढ़कर साढ़े छह लाख हो गई। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम लूपहोल हैं जिनपर आपत्ति की जा सकती है लेकिन मैं तो चुनाव मैदान में आया हूं। हमें जनता के आशीर्वाद से पार्लियामेंट में जाना है। जनता किसे आशीर्वाद देती है, यह देखना है? जो लोग फर्जी आपत्तियों के सहारे, सत्ता का दुरुपयोग करके खारिज करवाना चाहते थे। उनके इन क्रियाकलापों ने बता दिया है कि वह डरे हुए हैं। कायर हैं और लड़ने में उनका विश्वास नहीं है। इस दौरान पत्रकारों ने कहा सिंबल के क्रमवार में नम्बर एक पर बसपा है, नम्बर दो पर सपा और नम्बर तीन पर छड़ी है। उन्होंने इसे तकनीकी मुद्दा बताते हुए समझाया कि संभवत यहां लोकसभा में मिले प्रतिनिधित्व के आधार पर सिंबल का क्रम रखा गया है। उन्होंने कहा कि सिंबल रखने के क्रम से चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि जनता के दिलों में जो 10 साल से जगह बनाई है, उसी से जनता के दिलों में नम्बर वन पर रहूंगा। इससे ही ईवीएम में भी नम्बर वन पर रहूंगा। 

   यह पूछने पर कि आपको आखिरी समय में चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश की गई है , उन्होंने कहा कि आखिरी समय में हाथ से लिखकर, दौड़कर पहुंच कर आपत्तियों का निस्तारण कराया है। ऐसी आपत्ति की गई थी जिसे देखकर आप फंस पड़ेंगे। उन्हें लगता है कि उनके पास सत्ता की शक्ति है, यहां से आपत्ति लगाएंगे, उसके बाद सत्ता से फोन आएगा और पर्चा खारिज हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग मंचों पर खड़े होकर छिनैती, डकैती का उपदेश देते हों उनके लिए कानून का कोई मतलब नहीं है।

 पत्रकारों ने पूछा कि सपा के नेता रामहरी चौहान ने सपा से इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया है कि सपा में चौहानों को टिकट नहीं दिया जाता है। इस पर राजीव राय ने पत्रकारों से अनुरोध किया कि अगली बार जब आप उनसे मिलिए तो पूछियेगा कि क्या वह अपना बूथ जीते हैं? इसके बाद लोगों ने कहा कि अरविंद राजभर कह रहे हैं कि यदि मैं जीता तो रसड़ा को मैं जिला बनवा दूंगा। इस पर राजीव राय ने एक मुस्कान बिखेरते हुए कहा कि हंसिये-मुस्कराइये। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि मऊ को गोवा बना देंगे, सिंगापुर बना देंगे, मुम्बई बना देंगे लेकिन समुद्र कहां से लाएंगे? यह सभी शहर समुद्र के किनारे हैं। उन्होंने कहा कि मैं मऊ जिसे कल्पनाथ राय जी की जमीन कहा जाता है उसे उसी मुकाम पर ले जाऊंगा जिस मुकाम पर ले जाने का सपना स्वर्गीय कल्पनाथ राय जी ने देखा था। मैं मऊ को वह मऊ बनाऊंगा जिसका उदाहरण अगल-बगल के जिले देंगे। इसके बाद अलायंस में रहने न रहने से होने वाले फायदों और नुकसान पर पत्रकारों ने कहा कि 2019 में सपा-बसपा का अलायन्स था। जितने वोट से अतुल राय जीते, बसपा के उस वोट को अलग कर दें तो क्या सिनेरियो होगा? इस पर राजीव राय ने कहा कि 2019 में जब गठबंधन था तो हमारे प्रत्याशी को एक लाख 21 हजार वोटों से विजय मिली थी। 2022 में जब सपा-बसपा अलग से लड़े तो हमारे और बीजेपी के बीच वोटों का फासला एक लाख 40 हजार हो गया। इसका मतलब बसपा ने हमारे साथ रहकर भी हमें धोखा दिया। जब वह हमारे साथ नहीं थे, तब हम लोग बीजेपी से एक लाख 40 हजार वोटों से आगे थे। उन्होंने कहा कि एक नेता जो हमारे खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, वह आरोप लगाते हैं कि उनकी वजह से 2022 में समाजवादी पार्टी ने पूर्वांचल की सारी सीटें जीती थीं तो उन्हें यह बताना जरूरी है कि जब वह साथ थे तब हम घोसी विधानसभा की सीट 21 हजार वोटों से जीते थे। जब वह साथ नहीं रहे, तब हमारे जीत का अंतर 43 हजार हो गया। यह मैं नहीं आंकड़े बोल रहे हैं और आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते। क्षत्रिय वोटरों की नाराज़गी से जुड़ा प्रश्न किए जाने पर उन्होंने कहा कि बात चाहे राजीव राय की हो या किसी अन्य की हो। किसी की मां -बहन के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल कर, जूते मारने की धमकी देकर उसका वोट नहीं पाया जा सकता है। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के एक जिलाध्यक्ष के वायरल हो रहे वीडियो का हवाला देते हुए बताया कि उसमें इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्दों को सुनकर घृणा पैदा होती है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आप किसी के विरोधी हो सकते हैं, उससे विचारों का विरोध हो सकता है लेकिन विरोध में असंसदीय शब्दावली को कहीं भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महेंद्र पांडेय जी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, उनकी मां के लिए ऐसे शब्दों के प्रयोग किए गए जिन्हें बताया नहीं जा सकता। आप जब चाहें असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करें और जूते मारने की धमकी दें और वोट भी लें। किसी दबाव में आने के बाद भी ईवीएम पर अंगुली पहुंचने के बाद भी जब उसे अपनी मां और बहन का चेहरा याद आएगा तो अंगुली वहां पर नहीं दबेगी।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< प्रकाश नर्सिंग स्कूल में हुआ लैंप लाइटिंग का आयोजन
सुभासपा उम्मीदवार बार - बार क्यों? बदलते है अपना चुनावी क्षेत्र >>