सपा प्रत्याशी राजीव राय ने लगाए उप मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप
मोदी, योगी, महेंद्र पांडे और कार्यकर्ताओं के अपमान के समय चुप्पी पर उठाए प्रश्न
उपमुख्यमंत्री पर ऐसे व्यक्ति को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया जो भाजपा कार्यकर्ताओं को अपमानित करे
मऊ। एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एनडीए गठबंधन प्रत्याशी डॉ अरविन्द राजभर से माफी मंगवा रहे हैं। इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिए मीडियाकर्मियों की भीड़ घोसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी तथा इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजीव राय के घर पर इकट्ठा हो गई। लोग राजीव राय से उनका पक्ष जानने का प्रयास कर रहे थे। इस मामले में शुक्रवार को राजीव कुमार ने प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि ऐसी चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गुरुवार को मंत्री पुत्र से घुटनों के बल पर माफी मंगवाई है। उसे देखकर लगता है कि जैसे यह प्रतियोगिता हो रही है कि सबसे बड़ा नौटंकीबाज कौन है? उन्होंने बृजेश पाठक से प्रश्न किया कि वह (बृजेश पाठक) इस सरकार में स्वयं को ब्राह्मणों का सबसे बड़ा चेहरा मानते हैं लेकिन जिस दिन पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री महेंद्र पांडे पर मंच से असंसदीय शब्दों के प्रयोग हुए, उस दिन भी वह खामोश क्यों थे? जिस दिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को दौड़ा कर उन्हें जूते मारने की बात कही गई तब भी वह खामोश थे। राजीव राय ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात कही जाती है तब उसमें समाज के सभी वर्गों के लोग आते हैं। उन्होंने कहा माननीय योगी जी को अपशब्द कहे गये, मोदी जी और शाह जी के लिए अपशब्द कहे गये लेकिन इस दौरान बृजेश पाठक न सिर्फ खामोश रहे बल्कि खुश भी हुए। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी बृजेश पाठक, ओम प्रकाश राजभर के पैरों में गिरकर उन्हें अपनी पार्टी में वापस ले आए। ऐसा कर उन्होंने भाजपा के सारे नेताओं को अपमानित किया है। वह इतने से भी खुश नहीं हुए तो उन्हें मंत्री नहीं बनवा दिया। उन्होंने प्रश्न उठाया कि तब क्यों नहीं माफी मंगवाया जब उन्हें भाजपा में लेकर आए। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से माफी मांग लिये होते तो मैं समझ जाता कि माफ़ी मांग ली है। अभी तक उन्होंने माफी नहीं मंगवाया था क्योंकि उन्होंने बृजेश पाठक पर असंसदीय शब्द नहीं कहे थे। आज माफी मंगवा रहे हैं तो यह नौटंकी से कम नहीं दिखता है। ऐसे असभ्य भाषा का प्रयोग करने वालों को राजनीति में आगे बढ़ने के लिए रास्ते तैयार किये जा रहे हैं जिन्हें आम लोगों के मान सम्मान से कुछ लेना-देना नहीं है। मैं चाहता हूं कि सारे समाज की तरफ से बृजेश पाठक माफी मांगे कि वह ऐसे असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। ऐसे लोगों की वजह से असभ्य भाषा का प्रयोग करने वाले राजनीति में आगे बढ़ते हैं। राजीव राय ने कहा कि नन्हकू राजभर हमारी पार्टी के प्रदेश सचिव हैं। उनकी भी मांग बड़ी जायज है। उनका भी कहना है कि ओम प्रकाश राजभर और उनके पुत्र अरविंद राजभर ने काम ही ऐसा किया कि लोगों के पैरों में गिरकर माफी मांगना पड़े। इससे राजभर समाज खुद को अपमानित महसूस कर रहा है। कुछ दिन पहले मंत्री पुत्र (अरविंद राजभर) बोल रहे थे कि आदमी की पहचान उसके कर्मों से होती है। उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री जी के पुत्र की आज यह स्थिति आ गई है कि एक सीट जीतने के लिए कभी गाली देते हैं तो कभी पैरों में गिरकर माफी मांग लेते हैं। जब मन करे गाली दे दो, जब मन करे माफी मांग लो और जनता वोट दे दे। याद रखें जो व्यक्ति समाज के हर वर्ग को अपमानित करता है, समाज भी उसे वैसा ही लौटाता है। 2017 में वह पांच सीट पर लड़े, हराकर भेज दिये गये। 2022 में वाराणसी से लड़े, वहां भी लोगों ने पिटाई कर दी और भाग गये। 2024 में जनता ऐसा जवाब देगी कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी चुनाव होगा। यदि आप जनता की बात नहीं सुन सकते। उसके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं कर सकते तो लोकतंत्र में आपको रहने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने क्षेत्र के प्रति अपना लगाव जताते हुए बताया कि 2014 के चुनाव में मैं हार गया। 2019 में यह सीट गठबंधन के खाते में चली गई। मेरे ऊपर इनकम टैक्स के छापे पड़े और पूछा गया कि लोगों का इलाज कराने के लिए इतना पैसा कहां से लाते हो? उन्होंने कहा कि इतनी मुश्किल की घड़ी में भी मैं घोसी की धरती पर बना रहा। न क्षेत्र बदला, न पार्टी बदली, न ही सेवा वाले विचार बदले। राजभर जी पांच दिन से काशी होते हुए घोसी आए हैं। आप जीत नहीं पाएंगे क्योंकि आपके संस्कार ऐसे हैं। यहां की जनता किसी का अहंकार बर्दाश्त नहीं करती। यह संस्कारवान लोगों की धरती है। क्रांतिकारियों की धरती है। यहां के लोगों से बृजेश पाठक ने माफी मंगवा लिया लेकिन स्वयं कब माफी मांगेंगे? बृजेश पाठक तब क्यों ख़ामोश थे जब राजभर सभी समाज पर असंसदीय टिप्पणियां कर रहे थे? राजभरों पर दारूबाजी करने का बयान दे रहे थे। यादवों की बुद्धि 12 बजे के बाद खुलने की बात कह रहे थे। राजीव राय ने कहा कि उन्होंने हमारे समाज (राय समाज) पर भी असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया है। यह कहने पर कि राजभर कह रहे थे कि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने आशीर्वाद लेने के लिए कहा, इसलिए आशीर्वाद ले रहा था। उन्होंने विपक्ष पर जानबूझकर वीडियो वायरल करने का आरोप लगाया। इस पर राजीव राय ने कहा कि वह (राजभर) कह रहे हैं कि फिर जब जरूरत पड़ेगी असंसदीय शब्दों का प्रयोग करेंगे। यह उनका अहंकार का भाव है। यह जनता का एहसान मानने वाले इंसान नहीं है।