हाथरस की घटना के सम्बंध में कांग्रेस ने दिया ज्ञापन
*मऊ*! उत्तर प्रदेश के हाथरस की बेटी के साथ बलात्कार कर व निर्मम हत्या के विरोध मे बुधवार को जिला व शहर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान मे महामहिम राज्यपाल महोदया को मऊ पुलिस अधीक्षक के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया और मांग की गई कि दोषियों पर त्वरित कार्यवाही कर फांसी की सज़ा दी जाए।इस मौके पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य माधवेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि हाथरस की घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया। एक दलित बेटी का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। आरोपियों पर कड़ी धाराएं लगाने के बजाय भाजपा सरकार की पुलिस ने 8 दिन तक एफआईआर नहीं लिखी। लड़की को 6 दिनों तक नॉर्मल वार्ड में रखा गया और एयर एम्बुलेंस से दिल्ली इलाज के लिए नहीं भेजा गया।
जिंदगी की जंग लड़ते - लड़ते कल हाथरस की लड़की हमारे बीच से चली गई। यूपी सरकार की निर्दयता देखिए
उसके परिजनों से बिना पूछे लड़की का शव उठाकर ले गए। गांव में जब लड़की का शव पहुंचा तब परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए शव मांगा लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर रात के 2.30 बजे अपराधियों की तरह लड़की के शव को जला दिया गया। उसके परिजनों को बंद कर दिया गया। मीडिया को दूर रोक दिया गया शहर अध्यक्ष विष्णु प्रकाश कुशवाहा ने कहा कि
यूपी भाजपा सरकार ने उस मासूम बेटी को न सुरक्षा दे पाई।
न इलाज दे पाई और मरने के बाद उसके परिजनों से अंतिम संस्कार का अधिकार भी छीन लिया। हाथरस केस में उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रशासन ने जिस कदर अमानवीयता का परिचय दिया है वह बताता है कि यह सूबे में रामराज्य नही जंगलराज चल रहा है गैंगरेप पीड़िता की चिता कल रात के 2 बजे जला दी गयी जानबूझकर उसके शव को पुहंचाने में देरी की गई उसके परिवारजन ठीक से उसके अंतिम दर्शन भी नही कर पाए।ज़िला उपाध्यक्ष अनिल कुमार राय ने कहा उत्तर प्रदेश मे जंगलराज है कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है कौन सुरक्षित है कौन है इस बर्बरता का ज़िम्मेदार
और आज कहाँ हैं स्मृति ईरानी जी साँप क्यों सूंघ गया है आज एक बच्ची के हक़ की लड़ाई लड़ना तो दूर आप तो महिला और बल विकास मंत्री भी हैं। ग़लत के ख़िलाफ़ ना बोलना अपराध है या सत्ता के सुख ने आँखों पर पट्टी बांध दी है।इस मौके पर प्रमुख रूप से उपस्थित थे ओमप्रकाश ठाकुर,संजय सिंह,ब्रहम्मानन्द पांडेय,अनिल जायसवाल,अकरम प्रेमियर, अफसर खान,उमाशंकर सिंह,रमेश पांडेय,धर्मेंद्र सिंह,विक्रम चौहान, अरुण सिंह,शैलेन्द्र सिंह,सुभाष राम, राम करण यादव,आदि।