शासन प्रधानाचार्य पद की गरिमा का रखे ध्यान - देव भास्कर तिवारी






उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद जनपद मऊ द्वारा शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश को संबोधित एक ज्ञापन श्री राजेंद्र प्रसाद यादव जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ को सौंपा गया। ज्ञापन में वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य को केंद्र व्यवस्थापक पद से हटाकर अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक बनाना प्रधानाचार्य पद की गरिमा के विपरीत है। इससे प्रधानाचार्यों में  जबरदस्त आक्रोश है। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद सुचितापूर्ण एवं नकल विहीन परीक्षा कराने का पक्षधर रहा है। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रादेशिक उपाध्यक्ष देव भास्कर तिवारी ने कहा कि एक केंद्र की घटना को लेकर सभी केंद्र व्यवस्थापकों / प्रधानाचार्यों पर संदेह करना ठीक नहीं है। प्रधानाचार्य सवित्त का हो या वित्तविहीन का, सभी के कर्तव्य एवं दायित्व समान हैं। उन्होंने कहा कि स्ववित्तपोषित एवं वित्त पोषित प्रधानाचार्य में कोई अंतर नहीं है। शासन से अनुरोध है कि प्रधानाचार्य को सम्मान देते हुए अपने निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार करें। प्रधानाचार्य परिषद के मंडल अध्यक्ष श्री उपेंद्र राय ने कहा कि प्रधानाचार्य परिषद शुचिता एवं नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए कृत संकल्पित है। जिला अध्यक्ष दिवाकर राय शर्मा ने कहा कि स्व वित्त पोषित प्रधानाचार्य पर संदेह करना ठीक नहीं है। प्रधानाचार्य को सम्मान देते हुए परीक्षाएं संपन्न कराई जाएं। इस अवसर पर डॉ संजय भारती कोषाध्यक्ष ,डॉ महानंद द्विवेदी संगठन मंत्री सहित अन्य सम्मानित प्रधानाचार्य गण उपस्थित थे।



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