बलिया में पत्रकारों से साथ हुए अन्याय के खिलाफ लामबंद हुए मऊ के कलम के सिपाही
- पत्रकारों की तत्काल रिहाई और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्रक सौंपकर दिया धरना
मऊ। बलिया में पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ्तार कर जेल भेजने की घटना से मऊ जनपद के पत्रकारों में काफी आक्रोश है। पत्रकारों की रिहाई और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर जिले के पत्रकार लामबंद हैं। सैकड़ों की संख्या में जिले के पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने राज्यपाल को संबोधित पत्रक जिलाधिकारी अरुण कुमार को सौंपकर पत्रकारों की जल्द रिहाई और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान पत्रकारों ने बलिया प्रशासन के विरोध में जमकर नारे लगाए। पत्रक सौंपने के बाद धरना स्थल पर पत्रकारों ने धरना दिया। धरना स्थल पर बलिया के जिलाधिकारी के जमीर की मृत्यु होने की बात कह सभी ने दो मिनट का मौन भी रखा। जनपद के विभिन्न पत्रकार संगठन इसमें शामिल हुए। पत्रकारों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। विभिन्न पत्रकार संगठनों की ओर से राज्यपाल के नाम पांच सूत्रीय पत्रक जिलाधिकारी अरुण कुमार को सौंपा गया। जिसमें मांग किया गया कि बलिया के निर्दोष पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को तत्काल रिहा किया जाए। निर्दोष पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दमन किए जाने की नियत से की गई कार्रवाई के लिए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो। पेपर आउट मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। ताकि आगे से कोई भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा सके। साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए अविलम्ब जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार हरिद्वार राय ने कहा कि सच उजागर करने पर बलिया में पत्रकारों को जेल में बंद किया जाना अत्यंत निंदनीय है। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के महामंत्री नागेंद्र राय ने कहा कि पत्रकारों को तत्काल रिहा करने के साथ दोषियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने कहा कि पत्रकारों को घुटने पर लाने की बलिया प्रशासन की मंशा किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होगी। वरिष्ठ पत्रकार ब्रह्मानंद पांडेय ने पत्रकारों पर कार्रवाई को अनुचित ठहराया और तत्काल तीनों पत्रकारों की रिहाई की मांग की। वरिष्ठ पत्रकार राहुल सिंह ने कहा कि प्रशासनिक नाकाबंदी कर पत्रकारों की कलम चलने से रोका जा रहा है। मऊ जिले के पत्रकार बलिया के पत्रकारों के न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे। वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्रा ने कहा कि भारत का चौथा स्तंभ कही जाने वाली मीडिया आज खतरे में है। पत्रकार डरने व डिगने वाले नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार किंकर सिंह ने कहा कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए बलिया प्रशासन ने बेकसूर पत्रकारों को निशाना बनाया है। वरिष्ठ पत्रकार वेद मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों को जेल भेजना लोकतंत्र की भावना से खिलवाड़ है। वरिष्ठ पत्रकार अमरेश सिंह ने कहा कि इस तरह की कार्रवाईयों को पत्रकार बर्दाश्त नहीं करेंगे। वरिष्ठ पत्रकार संजय राय ने कहा कि बलिया जिला प्रशासन द्वारा साजिश के तहत व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र मंगवाकर मुकदमा कायम करना सरासर गलत है। वरिष्ठ पत्रकार आनंद गुप्ता ने कहा कि पत्रकार साथियों की रिहाई और संबंधित सभी अधिकारियों पर कार्रवाई होने तक यह आंदोलन चलता रहेगा। इस दौरान कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर पत्रकार जय प्रकाश निशाष, संजय राय, हरिओम राय, रंजीत राय, अप्पू सिंह, चंद्रशेखर श्रीवास्तव, जाहिद इमाम, सुमित, नौशाद अहमद, अभिषेक मिश्रा, चंद्रप्रकाश तिवारी, रईस अहमद, फहद काजमी, शादाब काजमी, मो. अशरफ, शनि प्रकाश पांडेय, विकास सिंह निकुंभ, एचएन आजमी, अभिषेक सिंह, अभिषेक राय, अमित चौहान, विष्णुकांत श्रीवास्तव, अमित त्रिपाठी, जीतेंद्र वर्मा, मो. अशरफ, धर्मेंद्र, अजय, जैन अली, अजीत सिंह, नवरत्न शर्मा, रईश अहमद, विनोद शर्मा, विश्वजीत, शाहिद, अफजल, सत्य प्रकाश, सुभाष यादव, रजनीकांत पांडेय, दुर्गा मिश्र, पुनीत श्रीवास्तव, प्रवीण श्रीवास्तव, प्रेम शंकर पांडेय, एचएन सिंह, अरुण राय, मदन मुरारी जायसवाल, धीरेंद्र मौर्या सहित काफी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।